दिल के सपनों को कागज़ पर सजा रहा हूँ। मैं गीत अकेला ही अमन के गा रहा हूँ।

Shayri
दुनिया के सभी वादे सभी रिश्ते हैं झूठे, मैं अकेला आया था अकेला जा रहा हूँ।

-मिथलेश क़ायनात

1 Comments

  1. अनंत आत्मीय आभार भैया 🙏

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