आज के इस ब्लॉग में श्रीवत्स जी मालवीय "Top 10 Dinkar's Poem In Hindi'' के बारे में लिख रहे हैं इस पोस्ट में "रामधारी सिंह दिनकर की 10 कालजयी रचनाएं" क्या है, ये आपको जानने को मिलेगा


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१. रश्मिरथी

रश्मिरथी दिनकर जी का सर्वाधिक प्रसिद्ध काव्य है। यह एक खण्ड काव्य है जो महाभारत के वीर योद्धा कर्ण के जीवन प्रसंगों पर आधारित है। कर्ण की ये अद्भुत गाथा कर्ण के जीवन के संघर्ष, उसकी विसंगतियों से आपको परिचित कराती है तथा बताती है, कैसे महावीर कर्ण उनका सामना करते हुए अपने पथ पर अडिग रहा। "कृष्ण की चेतावनी" नाम से विख्यात पंक्तियां इसी काव्य का एक भाग है।

२. कुरूक्षेत्र

कुरुक्षेत्र में दिनकर जीे कल्पना करते है कि महाभारत युद्ध के पश्चात् युधिष्ठिर पितामह के निकट जाते है और भीषण नरसंहार के बाद प्राप्त विजय से बहुत दुविधा में रहते है और पूछते है कि क्या यह युद्ध अनिवार्य था या मात्र मेरी निजी महत्वाकांक्षा का परिणाम? यहां इन दोनों चरित्रों के मध्य संवाद के माध्यम से दिनकर जी युद्ध को लेकर अद्भुत दर्शन प्रस्तुत करते हैं।


३. उर्वशी


ओज के कवि के रूप में प्रतिष्ठित दिनकर जी का श्रृंगार में लिखा गया खण्ड काव्य है - "उर्वशी"। इस काव्य का आधार महाप्रतापी राजा पुरुरवा और स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी की प्रेम कथा है। जहां उर्वशी और पुरुरवा के विरह की घटना को दिनकर जी ने बहुत ही सुन्दर ढंग से बताया है। कैसे एक शक्तिशाली सम्राट एक नारी के प्रेम में स्वयं को विवश पाता है।


४. परशुराम की प्रतीक्षा


राष्ट्रकवि दिनकर कैसे राष्ट्रकवि का धर्म निभाते यदि १९६२ में हुए भारत चीन युद्ध में मिली पराजय को वह पचा जाते। उनको इसी आक्रोश से उत्पन्न कविता है, "परशुराम की प्रतीक्षा"। तत्कालीन सरकार की शांतिवादी नीतियों पर तीक्ष्ण प्रहार करते दिनकर इस कविता के माध्यम से राष्ट्र की चेतना का आह्वान करते हैं। 


५. जनतंत्र का जन्म


राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलनों में अपनी लेखनी से ओज भरने का काम सदा दिनकर ने किया। इसी क्रम में यह कविता अत्यधिक प्रसिद्ध है। भारत में लोकतंत्र का स्वागत करती यह कविता जन मानस में नारे के समान बस गई थी। जिसका उपयोग आपातकाल में जनता में बखूबी किया।


६. समर शेष है


 

कवि धर्म का निर्वाह करते दिनकर की एक और प्रसिद्ध कविता है "समय शेष है"। आज़ादी मिलने के बाद भी भारत में ज्यों की त्यों व्यवस्था से दुखी हो दिनकर याद दिलाते है कि जब तक जनता सुखी समृद्ध नहीं होती, तब तक आजादी की लड़ाई समाप्त नहीं होगी। यही इस कविता का केन्द्रीय भाव है।


७. स्वप्न


मानव की सबसे बड़ी शक्ति है, स्वप्न। सपने देखना और उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास करना, यही मानव की प्रवृत्ति है। इसी स्वप्न की शक्ति को चांद द्वारा नकारने और मानव की चेतना द्वारा उसका महत्व बताने की कविता है - रात यूं कहने लगा मुझसे गगन का चांद।


८. नीलकुसुम


प्रेम तर्क को जवाबदेह नहीं होता, प्रेमी बस दीवाना होता है। प्रेम में संभव असंभव वह नहीं देखता। इसी भाव के साथ लिखी इस कविता में एक साधु और एक प्रेमी जो प्रेमिका के लिए नीलकुसुम लेने जाता है के मध्य संवाद है। प्रेम के दीवानेपन पर रचित बहुत ही सुन्दर कविता।


९. लोहे के पेड़ हरे होंगे


मशीनी युग की निराशा को चुनौती देते हुए आशा और विश्वास की किरण फैलाने का संदेश देती यह कविता एक बहुत प्रेरणादायक कविता है। इस समय जब मानव चारों ओर निराशा से घिरा है तब उसे उभारने का संदेश देती एक ओजस्वी कविता।


१०. कलम आज उनकी जय बोल


यह कविता भारत भूमि के वीर सपूतों को समर्पित है।वीर योद्धा जो बिना किसी बात की परवाह किए स्वयं को राष्ट्रहित के लिए बलिदान कर देते हैं, दिनकर की यह रचना उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है।

 

ये थी हमारी ओर से आप सभी को अनुशंसित "रामधारी सिंह दिनकर की 10 कालजयी रचनाएं"। यदि आपने नहीं पढ़ी है तो जरूर पढ़ें।


- श्रीवत्स मालवीय

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