तुझे भुलाना होता तो कबके भुला देते
दिल से निकालना होता कबके निकाल देते
तुझे दिल मैं बसाके रखा
याद को सीने लगाके रखा
तुझसे वास्ता छुड़ाना होता तो कबके छुड़ा लेते
तुझे भुलाना होता तो कबके भुला देते
तुझसे महौब्बत इतनी की मरके ना कम होगी
तुझे पाने की कोशिश अब अगले जन्म होगी
दिल ओर से लगाना होता कबके लगा लेते
तुझे भुलाना होता तो कबके भुला देते
प्यार करने वाले ओर भी कई मिल जाते
मगर ये दिल के दर्द ना खिल पाते
दिल को समझाना होता कबके समझा लेते
तुझे भुलाना होता तो कबके भुला देते
माना तुझे भुलाने में ही मेरी भलाई है
मगर अपनी जिंदगी तेरे नाम ही लिखवाई है
घर बसाना होता तो कबके बसा लेते
तुझे भुलाना होता तो कबके भुला देते
-Manish kundra
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