कविता क्या है|kavita kya hai|what is poetry in hindi
नमस्ते दोस्तों, आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है हमारी आज की पोस्ट में। आज हम ये जानेंगे कि कविता क्या है। दोस्तों सबसे पहले तो कविता को परिभाषित नहीं किया जा सकता। इसे परिभाषित करना बहुत व्यापक है।
सही मायने में एक कविता वो है जिसमें एक रचनाकार अपनी अनुभूति से अपनी भावनाओं को आम बोलचाल में न कहके उसे शब्दों के माध्यम से उकेरकर पाठकों तक पहुंचाता है।
कविता का सौंदर्य ही ऐसा है कि हम हमारी भावनाओं को सामने वाले को अहसास करा देते हैं। हमारी भावनाएं जैसी भी हो वो सामने वाले के हृदय में जन्म ले लेती है। कविता में भावनाएं जिंदा रहती है और शब्दों की कारीगरी होती है।
एक रचनाकार अपने प्रभावपूर्ण शब्दों के चयन और लेखन से पाठकों को कविता का अहसास करा देता है, जिससे कविता की परिभाषा पाठक महसूस कर लेते हैं और इसे बताने की जरूरत नहीं पड़ती।
कहने का अर्थ है कविता की परिभाषा वही समझ पाता है, जो इसे सुनकर या पढ़कर इसे महसूस कर लेता है। एक ऐसा पाठक या श्रोता जो उसके सौंदर्य को समझके इसे निरन्तर पढ़ने और सुनने के लिए लालायित रहता है, सही मायने में कविता की परिभाषा वही समझ पाता है।
तो दोस्तों, उम्मीद करता हूँ आपको आज का लेशन पसन्द आया होगा और आगे भी आप हमारे लेशन को रोजाना पढ़ते रहेंगे। मिलते हैं फिर एक ऐसे ही सुंदर और रोचक लेशन के साथ तब तक लिखते रहिये और सीखते रहिये।
-लेखक योगेन्द्र जीनगर "यश"
नमस्ते दोस्तों, आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है हमारी आज की पोस्ट में। आज हम ये जानेंगे कि कविता क्या है। दोस्तों सबसे पहले तो कविता को परिभाषित नहीं किया जा सकता। इसे परिभाषित करना बहुत व्यापक है।
सही मायने में एक कविता वो है जिसमें एक रचनाकार अपनी अनुभूति से अपनी भावनाओं को आम बोलचाल में न कहके उसे शब्दों के माध्यम से उकेरकर पाठकों तक पहुंचाता है।
कविता का सौंदर्य ही ऐसा है कि हम हमारी भावनाओं को सामने वाले को अहसास करा देते हैं। हमारी भावनाएं जैसी भी हो वो सामने वाले के हृदय में जन्म ले लेती है। कविता में भावनाएं जिंदा रहती है और शब्दों की कारीगरी होती है।
एक रचनाकार अपने प्रभावपूर्ण शब्दों के चयन और लेखन से पाठकों को कविता का अहसास करा देता है, जिससे कविता की परिभाषा पाठक महसूस कर लेते हैं और इसे बताने की जरूरत नहीं पड़ती।
कहने का अर्थ है कविता की परिभाषा वही समझ पाता है, जो इसे सुनकर या पढ़कर इसे महसूस कर लेता है। एक ऐसा पाठक या श्रोता जो उसके सौंदर्य को समझके इसे निरन्तर पढ़ने और सुनने के लिए लालायित रहता है, सही मायने में कविता की परिभाषा वही समझ पाता है।
तो दोस्तों, उम्मीद करता हूँ आपको आज का लेशन पसन्द आया होगा और आगे भी आप हमारे लेशन को रोजाना पढ़ते रहेंगे। मिलते हैं फिर एक ऐसे ही सुंदर और रोचक लेशन के साथ तब तक लिखते रहिये और सीखते रहिये।
-लेखक योगेन्द्र जीनगर "यश"
Post a Comment