हमारा मुल्क, ये प्यारा मुल्क
सभी जहाँ से है न्यारा मुल्क

15-august-poem

इसके ही साये मे हम पले और बढ़े
रहे सदा मुनव्वर ये तारा मुल्क
तिरंगा लहराता है अपनी शान से
है शानो की शान ये सारा मुल्क

न खींचो इसमे मज़हब की लकीरे 
मज़हब से परे है दुलारा मुल्क

15-अगस्त-पर-कविता

हमने है सींचा इसे अपने खून से
धरती पे है स्वर्ग हमारा मुल्क
हमारा मुल्क, ये प्यारा मुल्क
सभी जहाँ से है न्यारा मुल्क

-mohd irfan

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