कुछ भी लिखों लेकिन ये 5 बातें हमेशा याद रखना-

नमस्ते दोस्तों, आप सभी का स्वागत है हमारे आज के लेशन में। दोस्तों, हम कोई भी काम करते हों ऐसी कई सारी बातें होती है, जिनका अगर हम ध्यान न रखें तो इतनी बड़ी आफ़त आ सकती है कि जिसके बारें में सोच भी नहीं सकते। आज के लेशन में हम आपको यही बताने वाले हैं कि आप अगर कुछ भी लिखते हो तो आपको कौन-कौन सी ऐसी बातें हैं जिनको ध्यान रखना होगा।

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दोस्तों, कई बार इंसान भूल जाता है कि वो लिख क्या रहा है। कई लोग फेमस होने या नकारात्मकता को बढ़ाने के लिए ऐसा कुछ लिख देते हैं, जिससे अश्लीलता को बढ़ावा मिलता हो। ऐसा करने के बाद वो अपने करियर को तबाह कर देते हैं और विवादों का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में उनका लिखना बहुत भारी पड़ जाता है। इसीलिए कभी भी ऐसा कुछ मत लिखों, जिससे अश्लीलता को बढ़ावा मिलता हो।
दोस्तों, अब दूसरी बात ध्यान रखने वाली ये है कि आज के वक्त में नवीन रचनाकार लिखने से पहले ये सोच लेते हैं कि इससे ज्यादा से ज्यादा कमाई कैसे करते हैं। लेकिन वो ये नहीं सोच पाते कि ये काम रुचि पर आधारित है और अगर इंसान रुचि का सोचके लिखता है, तो उसे वैसे ही उपलब्धियां प्राप्त हो जाती है। इसीलिए दोस्तों कभी भी पैसे का सोचके लेखन कार्य नहीं करें बल्कि इसे अपनी रुचि समझके करें।

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तीसरी बात ये है कि हम एक रचनाकार हैं और हमारे लिए भावनाओं का सबसे बड़ा महत्व होता है। अगर हम इसी से सम्बंधित कोई गलती कर दें तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। कहने का अर्थ है कभी भी कुछ ऐसा मत लिखों, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे।

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चौथी बात सबसे ज्यादा खास है और वो ये है कि कभी आप किसी की रचना को चोरी न करें और अगर आप किसी रचनाकार की रचना पेश कर रहे हैं तो साथ में उस रचनाकार का नाम जरूर बताएं। इतना ही नहीं किसी भी रचनाकार की अनुमति के बिना उसकी रचनाओं को कहीं पोस्ट ना करें।

पांचवी बात आप हमेशा ख्याल रखें कि आप कॉपीराइट के नियमों का उल्लंघन ना करें। अगर आप कॉपीराइट नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आपके लिए कई मुसीबतें खड़ी हो सकती है।

दोस्तों, इसी के साथ लेखन में नियमितता रखें ताकि आपके लेखन में शुद्धता आ सके। उम्मीद करता हूँ आपको हमारी आज की ये जानकारी पसन्द आई होगी। अगर आप इसी तरह की जानकारी रोज पढ़ना चाहते हैं तो आप हर रोज हमारी वेबसाइट को देखा करें। मिलते हैं फिर एक ऐसी ही जानकारी के साथ तब तक लिखते रहिये और सीखते रहिये।

- लेखक योगेन्द्र जीनगर "यश"

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