मुखडा-
होश लापता हुये,कुछ भी ना चला पता
ख्वाईशे ये मंजिले, टूट के हो रही लापता
ख्वाईशे ये मंजिले, टूट के हो रही लापता
1.अन्तरा
कौन जाने कैसे किस घडी मे मुलकात है
जिन्द्गी ये बन्द्गी हर दम तेरे साथ है
पलके ये झुकती नही देखा जब से एक बार है
तेरी मेरी कहानी ये यादगार है
जिन्द्गी ये बन्द्गी हर दम तेरे साथ है
पलके ये झुकती नही देखा जब से एक बार है
तेरी मेरी कहानी ये यादगार है
जानता हू सब तेरा प्यार मुझको ना जता
होश लापता हुये,कुछ भी ना चला पता
ख्वाईशे ये मंजिले, टूट के हो रही लापता
होश लापता हुये,कुछ भी ना चला पता
ख्वाईशे ये मंजिले, टूट के हो रही लापता
2.अन्तरा
मुस्कुरा के देखना जान गया मे
दिल दीवानगी की बात मान गया मे
हार के ये जीतना है तेरी अदा
इसी अदा पे तो जानेमन हू फिदा
दिल दीवानगी की बात मान गया मे
हार के ये जीतना है तेरी अदा
इसी अदा पे तो जानेमन हू फिदा
साँसे ही बस चलती है प्यार करने की जब से हुई खता
होश लापता हुये,कुछ भी ना चला पता
ख्वाईशे ये मंजिले, टूट के हो रही लापता
होश लापता हुये,कुछ भी ना चला पता
ख्वाईशे ये मंजिले, टूट के हो रही लापता
3.अन्तरा
हाल मरीज़े दिल ए मेरा है सुना
मैने भी तुमको चाहा तुमसे दोगुना
यार से भरोसा ना उठ पायेगा
तेरे लिये हर करम कर जायेगा
मैने भी तुमको चाहा तुमसे दोगुना
यार से भरोसा ना उठ पायेगा
तेरे लिये हर करम कर जायेगा
क्योकि बात मे है कोई ये ना बता
होश लापता हुये,कुछ भी ना चला पता
ख्वाईशे ये मंजिले, टूट के हो रही लापता
होश लापता हुये,कुछ भी ना चला पता
ख्वाईशे ये मंजिले, टूट के हो रही लापता
-हिमांशु कुमार सागर
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