Shayari और कविता में क्या अंतर है-

दोस्तों, आप सभी का स्वागत है आज के हमारे लेशन में, जिसमें हम आपको बताने वाले हैं कि शायरी और कविता में आखिर क्या difference होता है। आप हमारे इस लेशन को पूरा जरूर पढ़ें, क्योंकि ऐसी unique जानकारी आपको केवल इसी प्लेटफॉर्म पर मिलेगी।

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दोस्तों, आज के वक्त में लिखने वाले बढ़ते जा रहे हैं। अगर नवीन रचनाकार युवा है, तो सबसे पहले वो शायरी लिखने की ही शुरुआत करते हैं और अगर कोई मेच्योर पर्सन है, तो वो कविता लेखन से शुरुआत करता है। ऐसे में कई नवीन रचनाकार दोनों लिखने में रूचि लेते हैं। लेकिन उन्हें shayari और कविता में difference मालूम नहीं होता।

सबसे पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि शायरी उर्दू की विधा है और कविता हिंदी की। लेकिन दोनों ही विधाएं भाषाओं के सम्बंध में स्वतंत्रत है। इन दोनों विधाओं पर भाषा के सम्बंध में कोई प्रतिबंध नहीं है। आप चाहे किसी भी language में बोलते हो या लिखते हो, आप इन्हें उस language में लिख सकते हैं।

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हिंदी में कविता का अर्थ भावनाओं को शब्दों के माध्यम से उकेरना है, चाहे उसे किसी भी विधा में लिखा गया हो और एक शायरी को भी हम उस नज़र में देख सकते हैं। क्योंकि उसमें भी हम feelings को words के माध्यम से उकेरते हैं। कहने का अर्थ है एक शायरी एक कविता हो सकती है।

अब यहां पर एक प्रश्न ये भी है कि क्या एक कविता एक शायरी हो सकती है?

तो दोस्तों, इसका जवाब होगा नहीं। क्योंकि कविता में कोई भी विधा हो सकती है, चाहे तुकांत रचना हो या अतुकांत। लेकिन शायरी कभी भी अतुकांत नहीं होती, बल्कि तुकांत से बनी होती है। बिना rhyming words यानी तुकांत के बिना शायरी कभी नहीं बन सकती। इसीलिए एक शायरी एक कविता हो सकती है। लेकिन एक कविता एक शायरी नहीं हो सकती। यही शायरी और कविता में सबसे बड़ा difference है।

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Rhyming words kya hai इसके लिए विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारा लेशन Rhyming words kya hai or rhyming words kaise dhundhe जरूर पढ़ें।

तो दोस्तों, उम्मीद करता हूँ आपको ये unique lesson पसन्द आया होगा। अगर आप रोजाना ऐसे ही free लेशन पढ़ना चाहते हैं, तो आप हमारी वेबसाइट को रोजाना देखा करें। मिलते हैं फिर से एक ऐसे ही unique lesson के साथ तब तक लिखते रहिये और सीखते रहिये।

-लेखक योगेन्द्र जीनगर "यश"

4 Comments

  1. निश्चय ही लिखना सीखिये डॉट काम एक यज्ञ है.....पुनीत कर्म है.....महान उद्देश्य को लेकर चलने वाला काव्यसर्जना में प्रवृत्त होना चाहनेवालचाहनेवाले नवागंतुकों ही नहीं वरन् धुरंधरों को भी निशुल्क ज्ञान का विनम्र दान है...... इसके लिए आप कोटिशः धन्यवाद और बधाई तथा मेरी अनन्य शुभकामनाओं के प्रथम हक़दार हैं......।

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  2. सहयोग के लिए आपका बहुत-बहुत आभार।

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  3. Twenty twenty forty tu ladki Bahut hai noti Zara tuhi bata de yaar Main Kaise Karunga Pyar Umar Hai Teri Choti Tu Ladka bada hai noti umar ki meri Parwah Na Kar Aa Lag Ja Gale Tu Pyar Kar Shaadi Karke Tere Ghar Mein Mujko Pakani roti ...tu Tu Ladki Badi Hai noti ... Zindagi Ko Tere Paar Lagadu Dulhan Main Tujhko Apni Banalu Padle ek do saal Nahi To Tera Ho Jayega Bura Haal Umar Hai Teri Choti

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  4. भाई घर चल जल्दी घर चल हो गई देर जल्दी घर चल मम्मी मारे पापा डाटे हो गई देर जल्दी घर चल मैं तो अपने मम्मी के आंखों का तारा हूं मैं तो अपने पापा का नन्ना मुन्ना दुलारा हूं मम्मी ने हमको अपने आंचल में खिलाया है अपने हिस्से का ठंडा पानी हमको पिलाया है अरे खुद रही भूखी लेकिन हम को खाना खिलाया हैं कोई दुख ना आए उनको ये तो फर्ज हमारा है भाई घर चल जल्दी घर चल हो गई देर जल्दी घर चल मां की सेवा हमें करनी मां की पूजा हमें करनी मम्मी पापा तो अपने स्वर्गका सहारा है कोई दुख ना आए उनको यह तो फर्ज हमारा है मां के कदमों में हमें जीना मां के कदमों में हमें मरना कितना अच्छा है ये नसीब हमारा है इसीलिए तो अपने सरपे मम्मी पापा का साया है भाई घर चल जल्दी घर चल हो गई देर जल्दी घर चल

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