शेर क्या है और शेर कैसे लिखें-sher kya hai or sher kese likhe
कई लोग शेर के दो मतलब समझते हैं और कई इसका एक ही मतलब। कोई शेर का मतलब लोयन समझता है तो कोई इसे गजल के दो मिसरों से बना शेर, लेकिन आपको बता दें कि गजल के शेर को शेर ना लिखकरके इसे शे‘र लिखा जाता है।
शे‘र क्या है-sher kya hai
कई लोग दो पंक्तियों को शे‘र कहते हैं, लेकिन अगर वो बिना नियमों के ध्यान रखें लिखा गया है, तो आप उसे शे‘र कहके सबसे बड़ी गलती करते हैं। इसका कारण हम इसको परिभाषित करके बताते हैं। गजल जो कि बहर में लिखी जाती है, जिसे नियमों के बिना नहीं लिखा जा सकता उसमें दो-दो पंक्तियों से जोड़े बनाकर गजल को पूरा किया जाता है। दरअसल गजल की वही दो-दो पंक्तियां शे‘र कहलाती है।
कई लोग शेर के दो मतलब समझते हैं और कई इसका एक ही मतलब। कोई शेर का मतलब लोयन समझता है तो कोई इसे गजल के दो मिसरों से बना शेर, लेकिन आपको बता दें कि गजल के शेर को शेर ना लिखकरके इसे शे‘र लिखा जाता है।
शे‘र क्या है-sher kya hai
कई लोग दो पंक्तियों को शे‘र कहते हैं, लेकिन अगर वो बिना नियमों के ध्यान रखें लिखा गया है, तो आप उसे शे‘र कहके सबसे बड़ी गलती करते हैं। इसका कारण हम इसको परिभाषित करके बताते हैं। गजल जो कि बहर में लिखी जाती है, जिसे नियमों के बिना नहीं लिखा जा सकता उसमें दो-दो पंक्तियों से जोड़े बनाकर गजल को पूरा किया जाता है। दरअसल गजल की वही दो-दो पंक्तियां शे‘र कहलाती है।
कई लोग बिना बहर के ही दो पंक्तियां लिखके उसे शे‘र का नाम दे देते हैं, लेकिन ये गलत होता है। अगर आप बिना बहर के कोई भाव से परिपूर्ण दो पंक्तियां लिखकर कहीं सुना रहे हैं, तो आप सुनाते समय यही जिक्र करें कि आप दो पंक्तियां पेश करने वाले हैं।
यदि आपने बहर का ध्यान रखकर गजल लिखी है, तो आप उसकी कोई भी पंक्तियां सुनाते समय शे‘र कहके जिक्र कर सकते हैं। ऐसा करने से आप गजल के नियमों को फोलो करेंगे।
शे‘र कैसे लिखें-sher kaise likhe
आपको शे‘र लिखने के लिए सबसे पहले गजल लिखना आना चाहिए और आपको गजल के बारें में जानकारी होनी चाहिए कि आखिरकार उसका ढांचा कैसा होता है। अधिक जानकारी के लिए आप हमारा गज़ल क्या है और गज़ल कैसे लिखें लेख जरूर पढ़ें।
इसे पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगे कि गजल में क्या-क्या चरण ऐसे हैं जिनका ज्ञान हमें होना चाहिए। क्योंकि जब तक आपको इसके बारें में जानकारी नहीं होगी आप उसे लिख नहीं पाओगे। ये जानकारी होने के बाद आपको मात्रा गणना करना आना चाहिए यानि आपको मात्रा गिनना आना चाहिए ताकि आप मात्रा गिनकर शब्दों को बहर में व्यवस्थित तरीकें से लिख पाएं। मात्रा गणना इसलिए जरूरी है। क्योंकि हमें भावनाओं और शब्दों में सहसंबंध बनाके चलना होता है। अधिक जानकारी के लिए आप हमारा लेख मात्रा कैसे गिनें और मात्रा गणना कैसे करें जरूर पढ़ें।
जब आप मात्रा गणना सीख जाते हैं, तो उसके बाद आपको काफिया और रदीफ के बारें में जानकारी होनी चाहिए। काफिया रदीफ का यूज करना आपको जब तक नहीं आएगा तब तक आप गजल तो क्या शायरी भी नहीं लिख पाएंगे। काफिया और रदीफ क्या है इसकी अधिक जानकारी के लिए आप हमारा लेख काफिया और रदीफ क्या है जरूर पढ़ें।
तो दोस्तों यदि आपको लेखन से जुड़ी हमारी ये जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमारी वेबसाइट को नियमित रूप से जरूर देखें।
-लेखक योगेन्द्र जीनगर ‘‘यश‘‘
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