Doha kya hai|दोहा कैसे लिखें|दोहा लिखने के 5 नियम
नमस्ते दोस्तों, आप सभी का हृदय तल से स्वागत है हमारे आज के लेशन में जिसमें हम ये जानकारी दे रहे हैं कि दोहा क्या है और दोहा कैसे लिखें। अगर आप दोहा लिखना चाहते हैं, तो आप हमारे इस लेशन को पूरा ध्यान से पढ़ें। क्योंकि हम आपको दोहा लिखने के 5 नियम बताने वाले हैं।
नमस्ते दोस्तों, आप सभी का हृदय तल से स्वागत है हमारे आज के लेशन में जिसमें हम ये जानकारी दे रहे हैं कि दोहा क्या है और दोहा कैसे लिखें। अगर आप दोहा लिखना चाहते हैं, तो आप हमारे इस लेशन को पूरा ध्यान से पढ़ें। क्योंकि हम आपको दोहा लिखने के 5 नियम बताने वाले हैं।
Doha kya hai|दोहा क्या है
दोहा हिंदी में पद्य रचनाओं में गिना जाता है। दोहा दो पंक्तियों में लिखा जाता है। इतना ही नहीं दोहा छन्दबद्ध रचनाओं के अंतर्गत आता है। दोस्तों, छन्दबद्ध रचना दो तरह से लिखी जाती है, पहली मात्राओं को गिनकर दूसरी वर्ण को गिनकर। दोहा हमेशा मात्रिक छंद में लिखा जाता है, जिसके लिए आपको सबसे पहले मात्रा गिनना आना अनिवार्य होगा। अगर आपको पता नहीं कि मात्रा गणना कैसे करते हैं, तो आप हमारा लेशन मात्रा कैसे गिनें जरूर पढ़ें।
Doha kaise likhe|दोहा कैसे लिखें
जब आपको मात्रा गणना करना आ जाए उसके बाद आपको दोहा लिखने के कुछ नियमों को ध्यान में रखना होगा।
दोहा लिखने के नियम-
1. दोहा की एक पंक्ति में कुल 24 और दोनों पंक्तियों में 48 मात्राएं होती है।
2. दोहा में दोनों पंक्ति में 13,11 मात्रा होते ही यति होती है।
3. दोनों पंक्ति में 13 की यति पर गुरु लघु गुरु होना चाहिए यानी 212 का मात्रा भार होना चाहिए। इससे दोहा में एक लय बरकरार रहती है।
4. दोहा में दोनों पंक्ति में 11 की यति पर गुरु लघु यानी 21 का मात्रा भार होना अनिवार्य होता है।
5. दोहा में एक बात जो काफी कम बताई जाती है और वो है कि दोहा में हमें तुकांत शब्द का use भी करना होता है। लेकिन इसमें आप मन से ही किसी शब्द का समतुकांत नहीं ले सकते, बल्कि दोहे के अंत में आने वाले शब्द का ही तुकांत शब्द लेना होगा। तुकांत के लिए अधिक जानकारी Read more...
जब आप इन 5 नियमों को ध्यान रखते हैं, तो आप एक बेहतरीन दोहा लिख सकते हैं। इन नियमों को ध्यान रखने के बाद एक बात आपको सबसे जरूरी याद रखनी होती है और वो है, दोहा की लय। अगर आप दोहा में रूचि रखते हैं, तो आप ये भी अच्छे से जानते होंगे कि इसे किस तरह लय में बोला जाता है। आप एक बार लय से भी शब्दों को जमाएं उसके बाद आप उसमें मात्रा गिने की मात्रा कम ज्यादा तो नहीं है। ऐसा करना इसलिए जरूरी होता है ताकि आपके दोहे में लय भंग का अवगुण ना हो।
दोहा लेखन में ध्यान रखने योग्य बातें
अगर आप दोहा लिखना चाहते हैं, तो आप kabirdas ji ke dohe जरूर पढ़ें। इसके अलावा आप जो श्रेष्ठ रचनाकार होते हैं उनके दोहे भी जरूर पढ़ें ताकि आपको उसकी लय पकड़ में आ सके। इसके बाद जितना हो सके मात्रा गणना पर प्रयास करते रहें। क्योंकि शुरुआती दौर में मात्रा गणना पर काफी प्रयास के बाद भी त्रुटि रह जाती है। लेकिन धीरे-धीरे सुधार होने लगता है और ऐसा होना स्वाभाविक होता है।
तो दोस्तों, आज हमने इस लेशन में सीखा की दोहा क्या होता है और दोहा कैसे लिखा जाता है। हमने आपको दोहा लिखने के 5 नियम बताए हैं, जो आपके लिए काफी हद तक सहायक सिद्ध होने वाले हैं। लेशन पसन्द आए तो रोजाना इस लेखन के मंच पर पधारें। अगर आप रोजाना ऐसे free लेशन पढ़ना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर आने के बाद आप subscribe box में अपनी email id डालकर free में subscribe कर लें।
- लेखक योगेन्द्र जीनगर "यश"
बहुत सुन्दर जानकारी
ReplyDeleteसुन्दर
Deleteबढ़िया
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