इंसानी ज़िंदगी गमगीन - हिंदी कविता 


इंसानी ज़िंदगी 

इतनी गमगीन क्यों है,

हर शख़्स अपनी परेशानी में

खोया सा क्यों है,

ऐ ख़ुदा तू ही बता दे

कोई राह,

न रहे ज़िंदगी से कोई

शिकवा गिला,

Hindi kavita

तेरी नेमत को पाने के लिए

हम आशावान क्यों है,

ज़िंदगी की सच्चाई अपनाने से

डरते क्यों है,

सुखों की हमेशा चाह

क्यों है,

किसी के आसरे की तलाश

क्यों है,

इंसानी ज़िंदगी इतनी 

गमगीन क्यों है।

रचनाकार - ममता अरोरा 


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