बहर क्या है या मीटर क्या है-bahar kya hai or miter kya hai
बहर एक उर्दू शब्द होता है जिसका यूज गजल लेखन में विशेष तौर पर किया जाता है। छंद में लिखी जाने वाली हर लेखन की विधाओं के कुछ अपने-अपने नियम होते हैं। बहर एक ऐसा माध्यम है जिसमें निश्चित मात्राओं से कड़ियां बनी रहती है ताकि एक ही लय और भार में उसके समान पंक्तियां लिखी जा सके। ऐसा इसलिए भी किया जाता है ताकि धुन भंग ना हो और शब्द मात्राओं के अनुसार फिक्स सेट हो जाए।
गजल में बहर का एक अहम योगदान होता है जिसके बिना गजल लिखना संभव नहीं होता। बहर ही एक ऐसा माध्यम है जिससे एक गजलकार बेहतरीन गजल का निर्माण करता है। बहर गजल का आधार होती है। उर्दू में गजल लिखने के लिए गजल की 32 मूख्य बहर बताई गई है जिसमें अलग-अलग मात्रा भार होता है और जिसके आधार पर ज्यादातर गजलकार गजल लिखते हैं।
हम आपको गजल के नाम तो नहीं बताएंगे। क्योंकि बहर के नाम से आपको समझने में कठिनाई होगी। हम आपको जो मूख्य 32 मात्रा भार है उसे ही बता देते हैं ताकि आप उसके आधार पर गजल लिख पाएंगे। उससे पहले यदि आपने अभी तक हमारा लेख मात्रा कैसे गिनेें और मात्रा गणना कैसे करें नहीं पढ़ा है, तो इसे जरूर पढ़ें। गजल के लिए मूख्य 32 बहर के मात्रा भार निम्नलिखत है-
1. 1222 1222 1222 1222
2. 2122 1212 22
3. 11212 11212 11212 11212
4. 1212 1122 1212 22
5. 221 2122 221 2122
6. 221 2121 1221 212
7. 122 122 122
8. 122 122 122 122
9. 122 122 122 12
10. 212 212 212
11. 212 212 212 2
12. 212 212 212 212
13. 1212 212 122 1212 212 122
14. 2212 2212
15. 2212 1212
16. 2212 2212 2212
17. 2212 2212 2212 2212
18. 2122 2122
19. 2122 1122 22
20. 2122 2122 212
21. 2122 2122 2122
22. 2122 2122 2122 212
23. 2122 1122 1122 22
24. 1121 2122 1121 2122
25. 2122 2122 2122 2122
26. 1222 1222 122
27. 1222 1222 1222
28. 221 1221 1221 122
29. 221 1222 221 1222
30. 212 1222 212 1222
31. 212 1212 1212 1212
32. 1212 1212 1212 1212
तो दोस्तों ये थे गजल की मूख्य 32 बहर के मात्रा भार जिनके आधार पर आप अपनी गजल लिख सकते हैं। अगर आपको हमारी ये जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमारी वेबसाइट को रोजाना देखा करें। मिलते हैं फिर से अगली बार एक ऐसी ही पोस्ट के साथ तब तक के लिए लिखते रहिए।
-लेखक योगेन्द्र जीनगर ‘‘यश‘‘
बहर एक उर्दू शब्द होता है जिसका यूज गजल लेखन में विशेष तौर पर किया जाता है। छंद में लिखी जाने वाली हर लेखन की विधाओं के कुछ अपने-अपने नियम होते हैं। बहर एक ऐसा माध्यम है जिसमें निश्चित मात्राओं से कड़ियां बनी रहती है ताकि एक ही लय और भार में उसके समान पंक्तियां लिखी जा सके। ऐसा इसलिए भी किया जाता है ताकि धुन भंग ना हो और शब्द मात्राओं के अनुसार फिक्स सेट हो जाए।
हम आपको गजल के नाम तो नहीं बताएंगे। क्योंकि बहर के नाम से आपको समझने में कठिनाई होगी। हम आपको जो मूख्य 32 मात्रा भार है उसे ही बता देते हैं ताकि आप उसके आधार पर गजल लिख पाएंगे। उससे पहले यदि आपने अभी तक हमारा लेख मात्रा कैसे गिनेें और मात्रा गणना कैसे करें नहीं पढ़ा है, तो इसे जरूर पढ़ें। गजल के लिए मूख्य 32 बहर के मात्रा भार निम्नलिखत है-
2. 2122 1212 22
3. 11212 11212 11212 11212
4. 1212 1122 1212 22
5. 221 2122 221 2122
6. 221 2121 1221 212
7. 122 122 122
8. 122 122 122 122
9. 122 122 122 12
10. 212 212 212
11. 212 212 212 2
12. 212 212 212 212
13. 1212 212 122 1212 212 122
14. 2212 2212
15. 2212 1212
16. 2212 2212 2212
17. 2212 2212 2212 2212
18. 2122 2122
19. 2122 1122 22
20. 2122 2122 212
21. 2122 2122 2122
22. 2122 2122 2122 212
23. 2122 1122 1122 22
24. 1121 2122 1121 2122
25. 2122 2122 2122 2122
26. 1222 1222 122
27. 1222 1222 1222
28. 221 1221 1221 122
29. 221 1222 221 1222
30. 212 1222 212 1222
31. 212 1212 1212 1212
32. 1212 1212 1212 1212
तो दोस्तों ये थे गजल की मूख्य 32 बहर के मात्रा भार जिनके आधार पर आप अपनी गजल लिख सकते हैं। अगर आपको हमारी ये जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमारी वेबसाइट को रोजाना देखा करें। मिलते हैं फिर से अगली बार एक ऐसी ही पोस्ट के साथ तब तक के लिए लिखते रहिए।
-लेखक योगेन्द्र जीनगर ‘‘यश‘‘
बहुत ही बढ़िया तरीके से जानकारी दी है आप ने ।
ReplyDeleteSAHI
DeleteSir, धन्यवाद
ReplyDeleteपूछना था की क्या ऊपर 13, 22 और 28 नंबर की बहर सही है कोई त्रुटि तो नही है। कृपया जांच के जवाब दें।
32 kaise hua ek m bhi to nhi hai
ReplyDeleteGood effort for teaching us A Beautiful Ghazal writing..Janab
ReplyDeleteSaagar
योगेंद्र जी मात्राओं को गिना कैसे जायेगा?? क्या हिंदी की लघु और गुरु मात्राओं की तरह ही गिना जायेगा।
ReplyDeleteAgar aap Inka naam bhi Dede toh badi meherbani hogi jaise 1222 1222 1222 1222 behr-e-hajaz musanmman saalim hogaya
ReplyDeleteNice Sir
ReplyDeleteआप से कुछ सिखा,
ReplyDeleteमुझे 212 ×4 का गज़ल लिखना है।
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